From: Stranger
To: Her
Why can't those folks come back again? Why don't you get them every time you want them around you?
Keep the evening free ... 17th evening :-) San Jose Time :)
दिवस सुरू ... एकदम नेहमी सारखा ... म्हणजे ... सकाळी सकाळी कळावे की मोबाईलची बॅटरी संपत आलीये... (हे गुढ काही कळत नाही ... हा मोबाईल नेमका सकाळीच ओरडतो "बॅटरी लो" म्हणून ... रात्री वगैरे कसे काय सुचत नाही देव जाणे) ... तोंडी लावल्यासारखे मग त्याला ऊगाच चार्जर चाखवावा अर्धा एक तास ... अगदी अर्ध्या तासात एकदम सग्गळे आवरून बस स्टॉपवर हजर व्हावे! आणि मग नेहमीसारखेच आठवावे ... की चार्जर घरीच विसरलाय! असो ... तर तसाच आणखी एक दिवस ...
कॅमेरा घेतला ... फोटोची ऑर्डर पुर्ण झाली ते नेटवर नक्की बघीतले ... आणि मग पुर्णपणे कल्पनाकी ऊडान घेत ऑफीसकडे कूच केले... लहान मुल बागडावे तसं सकाळी विचार ऊड्या मारत असतात. प्लान मनामधे तयार झाला ... दुपारी डॉक्टर ... मग फोटो ऊचला ... फ्रेम घ्या ... संध्याकाळी बस ... पुढे ट्रेन ... केक ... गिफ्ट ... मग वापस ... काम सुरू ... ९ ला कॉन्फरन्स कॉल ...! परफेक्ट. स्मूथ.
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From: her
To: Stranger
thanks for those wishes!!
From: Stranger
To: Her
Dil se yaad karo to log pohoch jate hai ... (ya fir pohochaye jate hai!)
Tomorrow evening ... you choose the place ...
will make sure to make the evening memorable ...
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From: Her
To: Stranger
सब चिजे पिलान के मुताबीक होतात की नाहीत बघायची ज्या ज्या वेळेला लहर येते ... नेमके त्या त्या वेळेला लफडी कशी होतात देव जाणे!! दिवस सुरूच झाला होता तोवर फोटोवाल्याने सांगीतला फोटो झालेच नाहीत. म्हणे संध्याकाळी घेऊन जा. नाही त्या वेळी कसे काय या लोकाना वेळेचे महत्व कळत नाही देव जाणे. आता संध्याकाळी फोटो आणायचे ... मग बस ... मग ट्रेन ... मग केक ... मग ... मग ... बागडणे सुरूच तरीही.
हे असे unwanted characters येऊन कथेमधे लुडबुड करतात तेव्हा ऊगाच काहीतरी राडा करतात. असो ...
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From: Stranger
To: Her
achche to sab hai ...
I am enjoying this "guess who" game. :-) though I did not start it. Here is a suggestion ... keep this game aside for a while and answer this question ... 7.30 pm near light rail station?
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From: Her
To: Stranger
see...
if u dont tell me who are u then there is a heavy possiblity that we dont meet :)
And if YOU are Vasu...then be sure that i'm going to kill you!!
From: Stranger
To: Her
Vasu!!! That's it? Make an impossible wish buddy... It might come true. Vasu ka kya hai? Wo to aisehi ayega santa clara se!!
Let your mind think out of santa clara!!! Anyways ... Do not disappoint a good bunch of people and of course the cake!
It is good to keep surprises at times ... What do you think? If traffic doesn't go ugly, then let the surprise catch you at arnd 7.30 pm near the light rail station...
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अनोळखी कलाकार ... अनोळखी कलाकार ... !! याना माझीच कथा बरी मिळते ...!? विचार चक्र अखंड सुरूच. संध्याकाळी कधी निघावे ... कधी पोचणार ... वीकेंडला काय ... (वीकेंडचे वेध लागायला तसा काही वेळ काळ नसतोच म्हणा!)
फोटोचे बारा वाजणार वाटू लागले. काय मस्त कल्पना होती गिफ्ट म्हणून फोटो द्यायची. आता तेच नाही मिळाले तर शिट्ट्या! बॅक-अप प्लानचा विचार करावा तर तितका वेळही नव्हता. रामभरोसे.
साहेब युरोपाला जाणार ...! त्यानाही तहान लागलेली. तसे जाणार होते २ दिवसानी पण सगळे आजच तयार पाहीजे...
तसेही आपण सोडून सगळ्या जगाला त्यांचे त्यांचे खेळ मांडायला अगदी पुरेसा वेळ कायम असतो! असेच वेळेचे महत्व त्या फोटोवाल्याला असते तर ... ह ... मग कदाचीत तो माझा बॉस असता! झाले भरकटले मन ... फोटोवाला बॉस झाला तर काय ... यावर एक-पाच मिनीटं गेली.
मी डेंटीस्टकडे जायच्या वेळेकडे लक्ष ठेवून काम आवरत होतो.
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From: Her
To: Stranger
because if u r NOT vasu then let me tell u ke mujhe Vasu ko bhi milana hai....
From: Stranger
To: Her
Now your imagination is flying ...! :-)
lage raho ... let us see how long it can go ...!
Let's plan anyway ... i am talking about the light rail station near to your place ... or suggest me another place ... or we can go somewhere for dinner ... call up Vasu there ...
BTW do people surprise you .... or their actions ? :)
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"जबड्याचे ९ एक्स-रे!! मी ऊभ्या आयुष्यात कधी ९ एक्स-रे काढले नसतील!"
एखादा गरजू होतकरू तरूण (आता ही कॉलेजची सवय जात नाही ... तरूण म्हणले की तो गरजू आणि होतकरू असलाच पाहीजे ... भले त्याच्या गरजा भन्नाट आणि हेतू विचित्र असेल!) कामातून सवड काढून दवाखान्यात आला तर त्याला ईतके घाबरवू नये अशी भूतदया वगैरे डॉक्टर या जमातीला नसते.
"आप बाप बननेवाले हो" या अविर्भावात डॉक्टरने सांगीतले ... "नवीन अक्कल दाढ येतेय".
पुढे म्हणते की ... "But ... There are complications!"
काय हा दिवस!? ईकडे अकलेचे दिवे पाझळणे सुरू असताना ... तिकडे अक्कल दाढ डोके बाहेर काढत होती! डॉक्टर म्हणाली काढून टाका दाढ. अगदी मनात आलेले ... की सांगावे अहो नको हो ... राहु देत माझे ३२ दात ... का माझे अकलेचे तारे तोडताय! मी खरं म्हणजे अगदी खर कोणाला त्रास देणार नाही!!
पण दुसऱ्या क्षणाला म्हणालो ... "ओके ... काढू दाढ ...
...
पण आज नको."
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To: Stranger
ok Mr. Stranger..
now here is the problem..
I need to meet u ( or u PEOPLE??) at 7:30 PM
I need to meet Vasu at around 6:30- 7:00
And my room-mate's friend is leaving tomorrow so they are having the farewell party at 7:15 PM..
But then..i dont know. So..help me decide..what shall I do??
From: Stranger
To: Her
Stranger ... hmmm now this is a good word ...!
I wonder how would it help you if I say ... dude hey ... i am ... say Sangram ...! how would this name 'Sangram' help you decide?
Interesting question though here is the interesting Answer ... BDay or Farewell ...? You decide ...
It won't take much time ... even an hour should be ok ... say ... 7 to 8 ... (all depends upon your appetite though!) will cut the story short :) can only assure you one thing ... would be a pleasant experience for you :)
Where would you be at around 7 BTW? In worst case ... weekend ... but really would like to cut the cake today ... akhir BDay ka bhi kucH maan rakhana chahiye na!
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फोटोवाल्याचा फोन. म्हणाला एकदाचा ऑर्डर रेडी!! झाला खेळ सुरू! दाढ वगैरे दुखायचीपण आपसूक बंद झाली.
काढले मॅप्स ... ऑफीस ते फोटोवाला ... फोटोवाला ते बस ... मग ट्रेन ... मग केक ... मग ... मग ...
एकदम क्लीअर. no confusion. Perfect. ९ पर्यंत घरी परत येणार ... मग काम. conference call सुरू... Cooking ... जेवण ... ऊद्याची तयारी... विचार करता करता मी कधीच रात्री घरी येऊन काम वगैरे करेपर्यंत पोचलो.
पायाला भिंगरी ... मनाला पंख! पुढे मात्र भलतेच काय काय वाढून ठेवलेले.
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From: Her
To: Stranger
I am going out with Vasu..he was like telling me since y'day...that we should go somewhere..
Whoever u r I m really sorry to u...
U might have done a bit of preparation and all that ..but cant do anything..
And dont think i m lying to u..to know the truth..
Till the last moment i was cofused...but i dont really have much choice...
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To: Stranger
Mr. Stranger...
I will be going out with Vasu but only for a while..so now tell me the time and place to meet...
From: Stranger
To: Her
:-) I am a gigantic, ugly, dark, monstrous terrorist ... who is now very upset by your decision !!
Do not think about getting you wrong ... त्या लेवलपर्यंत विचार आपले जात नाहीत :) anything before 7 pm would be like miracle for me ... since it is already 6 now ...
I shall be near Mont Station at around 7 ... unless you mail otherwise ... and Thanks for being so kind and considerate (thought these words would suit the situation)
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From: Her
To: Stranger
and definitely want meet u..as I m very sure u look like somebody who i know for quite some time..but i m not able to make out..
I will be there at Mont station at 7!!.. But dont go on the train platform just wait at the entrance!!
m leaving now..
looking forward to meet the GIGANTIC , UGLY, DARK, MONSTROUS TERRORIST :)
Gigantic, Ugly, Dark, Monstrous Terrorist!! हा हा ... सगळे खेळ एकदम रंगात आले. तिकडे कोणीतरी वाट बघणार आणि ईकडे वेगळेच काही वाढलेले. आता एकीची बळ शिकावे तर संकटांकडून. कशी आली की सगळी नेहमी एकत्र येतात! फोटो ऊशिरा ... मधेच दाढेची एंट्री आणि ताबडतोब एक्झीटची तयारीपण ... संध्याकाळच्या कार्यक्रमाच्या अस्तित्वावरच गदा... युरोपची टूर ... तिकडे आधी तो वासू ... आता ते फेअरवेल! कुठे तरी आतमधे मात्र मजा येत होती ... एकदम living on the edge सारखे सुरू होते. प्रत्येक पुढचा क्षण काहीतरी नवीन दाखवायचा. प्रत्येक वेळेला मनामधेच प्लान आपोआप रीअलाईन व्हायचे.
हम चाहते जैसा जैसा ... सब वैसा वैसा होता ... गर ... सोचो तो ऐसा होता तो कैसा होता!? :-)
खेळ बदलायला कधीच सुरू झालेला, आता हाताबाहेर जायला सुरू होणार होता.
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"DUDE ... Help me! I am at this Bus stop and there is no clue of bus here!! Tell me when is the next bus?"
"How did you miss the bus?"
कधी कोणाला काय ऐकायची लहर येईल काय सांगा!
"DUDE!!!! Please ...!"
"कुठे जाणार आहेस? तसेही पण ईंटरनेट स्लो झालेय रे आजच!"
...
and there I was standing on that bald street with no trace of human species around ... with bunch of photos in hand ... a nice cake ... n an office bag ... with no clue of what happened to that Bus and with the friend on phone who had slow internet connection!! It was already past 7:30 pm.
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INTERVAL ----------------------------- मध्यांतर
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"Hmm ... ट्रेन मधे बसून मीटींगची तयारी करत होतो ... आणि काय?"
"WHAT? मग ट्रेन बंद पडली!? ... Wow... Finally you got on to next train ...! आणि ती ट्रेन बंद पडली!!? हा हा हा हा!! You are happening yaar!"
"Thanks हा...! What a friend I have!!"
"तू चाललायस कुठे? ८ वाजले की भावा!"
"लंबा स्टोरी है... फिर कभी ..."
एका दिवसात किती गोष्टी घडू शकतात त्याचा ऊच्चांक गाठायचा पण केलेला कदाचीत. ट्रेन बंद पडली ती पडलीच. पुढे बस आणली कोणीतरी. अमेरिकेत भरगच्च बसमधून ऊभे राहून प्रवास करायचे भाग्य लाभाले! देवाला गैरसमज वगैरे झाला असावा की त्याचा हा लेक कॉलेजमधे नाही म्हणजे कॉलेजच्या सवयी गेल्या असतील. संध्याकाळी बाहेर पडताना बसचा रूट बघणे ऑप्शनला टाकलेले आणि त्याने नेमके आता तेच नशिबी द्यावे?
समोर आता ९ चा कॉल दिसू लागला. कुठला केक आणि कुठले काय? केवळ नावतले साधर्म्य म्हणून एका स्टेशनवर ऊतरलो. तिथून खडाजंगी कॉल घेतला. आ हा हा ... काय सीन! कंपनीच्या बजेटविषयी चर्चा ... जेवढी बाहेरची थंडी जोरात ... तेवढेच सगळे जोमात. एक (गरजू होतकरू) तरूण... त्याचाही सहभाग ... रात्रीचे ९ ... एक निर्मनुष्य स्टेशन ...! कधी स्वप्नातपण विचार केला नसेल की असे कुठे बसून कॉल घ्यावा लगणार. पटापट कॉलचे मिनीट्स वगैरे लिहीले... ऍक्शन आयटम्स तयार केले ...! हुश्श.. संपला कॉल. मान वर केली तर काय? परत स्टेशनवर अडाकलेला (गरजू होतकरू) तरूण आहेच.
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"Hello... रोह्या... तू कॉल करणार होतास!"
"होय काय? ही ही ... ईथे जरा मजा झालीये."
"भेटलास काय तिला?"
"अरे तुला तिची काय काळजी! मी ईथे भरकटलोय. आणि ती बाई गेलीये तिच्या मैत्रीणीच्या फेअरवेलला"
"तुला काय माहीत?"
"तू ईमेल चेक नाही केलास म्हणजे!"
"काय झाले?"
"ही ही ... ती वेगळी मजा आहे ... सध्या तरी situation is ... I have no clue where I am and as soon as I know where I am, I shall see her."
"जास्ती ऊशीर करू नको. ती नसेल तर दारात वगैरे ठेवून तू निघ."
लोक कधी काय सल्ला देतील काय सांगा. एकार्थाने बरोबर होता म्हणा पण आता कुठे काय कधी अर्थ वगैरे बघायची सवय? ईथे स्वारी अजून घरापर्यंत पोचायचीये ... आणि हा दाराबहेर ठेवून जाण्यापर्यंत पोचला. आणि तोही केक!! मधेच वाटून गेले ... माझ्या अपार्टमेंट मधे कोणाला असे दारात केक वगैरे ठेवायची बुद्धी होत नसेल? चालायचेच ... याची मैत्रीण ... याच्या शुभेच्छा ... मी फक्त डिलीवरी बॉय ज्याने फक्त खेळ मांडलेला ...! वेळ आली तर केकपण ठेवू दारात अशी मनाची तयारी केली पण आधी दार तरी सापडो! एवढ्यात मोबाईलला समजले की त्याची बॅटरी संपतेय!! ओरडला लेकाचा. (का म्हणून सकाळी वाटले असेल की ही बॅटरी रात्री का संपत नाही!! हा देवपण नाही त्या ईच्छा पुर्ण करतो!).
एकदम गुरूमधला अभीषेक बच्चन आठवला ... शेवटच्या सीनमधे लेक्चर मारणयासाठी शब्द वाचवून ठेवतो तसा. गुरू संचारला आता. फोन बंद. एकदम मोजकीच चर्चा करायची आता मोबाईलवर. मोजून मापून. (हे कळायला वेळ लागला की जर मोबाईल पुर्णपणे बंद पडला तर तिथून पुढे अक्षरशः काहीच करायचा स्कोप नाहीये. ना कॉल ना मेल ना घर ना दार!). या प्रगत देशाचे कोपरे मात्र अप्रगत आणि पोकळ असतात. कोणीच पानवाला बसत नाही तिथे. कुठे जायचे वगैरे सोडाच पण मी सध्या कुठे आहे हे सांगायलापण कोणी नव्हते!
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"Hello TJ ... यार आपकी कॅब चाहीये!"
"कहा सर?"
हा हा ... आता हे जर माहीत असते तर कॅब कशाला मागवली असती!? पण त्याचेही बरोबर ... कुठे ये म्हणून सांगायचे त्याला. बरेच प्रयत्न केले ... हा असा असा स्टॉप ... याच्या नंतरचा ... याच्या आधीचा ... या हाय वे वरचा ... शेवटी म्हणाला मुलाला पाठवतो! अमेरीकेत पण युवा रक्ताला वाव दिल्याशिवाय पान हलत नाही!
हा युवा मी सांगीतलेल्या वर्णनावरून माझ्यापर्यंत पोचू शकेल हे खरच अवघड वाटत होते. काहीतरी होईलच याची खात्री होती पण काय होईल याची आजीबात कल्पना करणे शक्य नव्हते. तेवढ्यात आठवले - बराच वेळ ईमेल नाही गेले ... ऊगाच वेळ कसा घालवून चालेल? या मुलीचा आणि कुठला तरी प्लान वगैरे ठरला तर डाव ढीस! सगळे जवान जागीच शहीद! एव्हाना रात्रीचे साडे दहा वाजून गेलेले.
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From: Stranger
To: Her
Thank god I did not bring the bouquet otherwise it would have died
here at capitol station!!
Are you home by any chance?
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To: Stranger
hey..
But are u ever going to meet me or tell me who are you?
From: Stranger
To: Her
Call me at 4083911967
Can you come here by any chance
शेवटी आलाच फोन... पहीला प्रश्न - तू कोण? ओळखतोस मला?
बापरे ... किती ते प्रश्न? लोक हिंदी सिनेमे कमी बघतात. नाहीतर पहीला प्रश्न विचारला असता ... "तुम्हे किसने भेजा है?" ... खेळ तिथेच संपला असता. पण तिनेही नाही विचारले. मीही नाही सांगीतले. (याला म्हणतात निव्वळ माज - ईथे मोबाईल मरायच्या घातीला ... रस्त्यावर कोणी नाही. कुठे आहे याचा पत्ता नाही तरी नाव काही तोंडून बाहेर पडेना.) ही म्हणते पत्ता नाही सांगणार. पण मी तरी कुठे विचारत होतो पत्ता वगैरे. न विचारलेल्या प्रश्नांची ऊत्तरे माझी बॅटरी संपवत होती! त्रयस्थ म्हणून बघावे तर एक पुर्णपणे अनोळखी मुलगा ... या मुलीला आख्खादिवस ईमेल करतोय आणि आता घरापर्यंत पोचायच्या मार्गावर आहे. आणि मनापासून ईच्छा करतोय की ही मुलगी पण अगदी विनासायास पत्ता वगैरे सांगेल किंवा याला घ्यायला येईल ... तेही रात्री ११ वाजता ... एका परक्या देशात! पण आता काय करू ... वाटायला काय? वाटले खरे असे होईल म्हणून!
तेवढ्यात गाडी आली. रामाला लंकेचा सेतू बांधून झाला म्हणून ऐकल्याबर जेवढा आनंद झाला असेल तेवढा आनंद झाला. फोनवर ती काहीतरी विचारत होती ... म्हणालो - तू घरी आलीस तेवढेच नक्की करायचे होते. आलोच.
कट.
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From: Rohit
To: Her
I am standing outside in white shirt ...
Won't kill you
Don't worry
तिने फोन ऊचलणे बंद केलेले. रात्री १२ च्या सुमारास कोण ऊगाच ईतकी बडबड करेल? मधेच एक- दोन वेळा अर्धवट संवाद झाले. पण निर्णयाप्रत नाही. तसा परीसर मस्त होता. भरपूर सारे विला. मस्त थंड हवा. एकदम सुनसान रस्ता. हातात पर्सल घेऊन मी भटकत होतो. फोन बिचारा प्रयत्न करत होता. ती ऊचलत नव्हती. तिच्या अपार्टमेंट कॉंप्ले़क्स पर्यंत येऊन आता मोहिम फत्ते न करता जाण्याचा आजीबात विचार नव्हता. झालेच तर ईथेच दारात तंबू ठोकेन - सकाळी तरी बाहेर पडेलच की! असा काही विचार येवून गेला.
पाणी नाकापर्यंत आलेले. मी हत्यारं टाकायच्या तयारीपर्यंत पोचलेलो.
नाव पाहीजे तर नाव घे ... पण आता कुठले दार वाजवू ते सांग ! तेवढ्यात तिचे ऊत्तर आले.
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From: Her
To: Stranger
Villa 4 105
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मान वर केली ... मीही त्याच अपार्टमेंटच्या दारात ऊभा होतो.
कहानी एकदम climax पर्यंत आली! आता केक बेकार जाणार नाही याची खात्री झाली! ऊगाच केकला काही झाले तर वाईट वाटायचे! केक दारात ठेवायचा नाही म्हणूनतर ईतके सगळे केले!
दरवाज्यासमोर गेलो तर वेगळाच खेळ. कोणी दारच ऊघडेना! माझ्याकडे बघीतल्यावर भीती वगैरे वाटावी असा तर मी नक्कीच नाही! प्रेमाने विचारले ... दार ऊघडता की ईथेच ठेवून जाऊ. तसेही परवानगी होतीच दारात ठेवून जायची! आणि जरा ऊशिरा का होईना ... मोहीमपण फत्ते झालेली.
शेवटी तिने विचारले ... कोण पाठवलेय तुला?
ह ... झाले ... विचरले शेवटी!!! सांगीतले ... तुझा हा अमुक अमुक मीत्र ... त्याला दुर्बुद्धी झाली मला सांगायची ... तुला वाढदिवसाच्या शुभेच्छा द्यायची ईच्छा होती फक्त ... जरा थ्रील आणण्याचा प्रयत्न केला ... तो कदाचीत जास्त झाला.
दार तरीही ऊघडेना कोणी! पोलीस वगैरे बोलावायचे प्लान्स सुरू आतमधे! मधेच या अमुक अमुक मीत्राला फोन करायची अक्कल सुचली एकीला. तसा पोलिस नावाच्या प्राण्याशी जुने नाते... ईथे आल्यापासून भेट झाली नव्हती ... आणि तीही आज होते की काय वाटू लागलेले पण यांचा फोन लागला त्या मीत्राला!
एव्हाना मी जातो म्हणून दारासमोरून बाजूला झालेलो.
गडाचे दार उघडावे तसे हळूच दार ऊघडले. हिरकणी कानाला फोन लावून बाहेर आली. मी बाजूलाच ऊभा होतो.
"आहे आहे तो ईथच!! कित्त्ती अरे ... सॉरी रे ... पण सांगायचे की!" मुली या अशा प्रसंगी एका श्वासात ईतके काही बोलून जातात की ते लिहीणे तर राहूच द्या पण लक्षात राहणेही अवघड.
तू आधी विचारले असतेस तर सांगीतले असते की ... असे म्हणायची लहर आलेली ... पण आतमधल्या प्रत्येकीचे चेहरे बघून काही चर्चा केल्यास जीवास धोका असल्याचे लक्षात आले. वर ... ईतके सगळे किडे करून स्वतःच सॉरी वगैरे म्हणून घ्यायचे भाग्य कशाला सोडू? गिफ्टवाला फोटो बघून कदाचीत खरोखरच बरे वाटले असावे. नाहीतर 'डोके वगैरे आहे का नाही ' असले काही विचारले असते.
त्या थोड्याशा वेळामधे ... Thanks आणि Sorry चा वर्षाव सुरू होता. पैकी तिची एक रूममेट मला खाऊ की गिळू अशा नजरेने बघत मात्र होती. कदाचीत तिचेच फेअरवेल असावे की ज्याचा मूड मी खराब केलेला. बिचारीने एक दोनदा समजावायचा प्रयत्न केला की माझे काय चुकले! मीही सगळ्याला हो हो म्हणालो. पानीमे मछलीसे बैर कौन ले!? आणि ते ही रात्री १-२ ला ... दुसऱ्या दिवशी ऑफीस असताना ... आणि घरापासून १५-२० मैल लांब! माज असेल ... पण ईतका येडा नक्कीच नाही.
Turned back ... n said ...
"Wish You a Very Happy Birthday ... Belated Birthday ... it's past 1 now!"
संपला खेळ ...
Filmfare award घेऊन बाहेर पडवा तसे (गरजू होतकरू) तरूण बाहेर पडला ...
तेवढ्यात पलीकडून चार पाच हट्टीकट्टी पोरं पळत आली ... मला काही समजायच्या आत ... कोणीतरी सांगीतले त्याना ... काही नाही ... कुछ नही हुआ!